Mustard Price Hike – सरसों के दामों में जबरदस्त उछाल: किसानों के चेहरे पर आई मुस्कानहाल के दिनों में देशभर की मंडियों में सरसों के भाव में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला है, जिससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। जहां एक ओर आमजन को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है, वहीं दूसरी ओर सरसों की खेती करने वाले किसानों को अब उनके मेहनत का उचित फल मिलता दिखाई दे रहा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार जैसी सरसों उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों के दामों में ₹500 से ₹800 प्रति क्विंटल तक का इजाफा हुआ है। कई जगहों पर तो सरसों का भाव ₹7000 प्रति क्विंटल के पार चला गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक रिकॉर्ड माना जा रहा है।यह बढ़ोतरी सिर्फ किसानों के लिए लाभकारी नहीं है, बल्कि यह संकेत देती है कि आने वाले समय में सरसों तेल की कीमतों में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। ऐसे समय में जब सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है, सरसों के दामों में यह उछाल एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है।
क्यों बढ़े सरसों के दाम? जानिए वजहें
सरसों के भाव में आई तेजी के पीछे कई अहम कारण हैं जो बाज़ार की स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं।
- देश में सरसों की फसल इस बार औसत से कम रही
- अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी तेल की मांग में वृद्धि
- स्टॉक में कमी और मंडियों में कम आवक
- खाद्य तेलों पर बढ़ती निर्भरता और आयात में गिरावट
- किसानों की खेती में लागत बढ़ने के चलते अधिक कीमत की मांग
देश की प्रमुख मंडियों में सरसों के भाव
नीचे दी गई तालिका में देश की प्रमुख मंडियों में चल रहे सरसों के ताज़ा भाव दिखाए गए हैं:
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| मंडी का नाम | राज्य | न्यूनतम भाव (₹/क्विंटल) | अधिकतम भाव (₹/क्विंटल) | औसत भाव (₹/क्विंटल) |
|---|---|---|---|---|
| भरतपुर | राजस्थान | ₹6,400 | ₹6,950 | ₹6,700 |
| सीकर | राजस्थान | ₹6,500 | ₹7,100 | ₹6,800 |
| ग्वालियर | मध्य प्रदेश | ₹6,200 | ₹6,800 | ₹6,500 |
| आगरा | उत्तर प्रदेश | ₹6,300 | ₹6,900 | ₹6,600 |
| पटना | बिहार | ₹6,100 | ₹6,750 | ₹6,400 |
| रोहतक | हरियाणा | ₹6,350 | ₹6,950 | ₹6,650 |
| नागौर | राजस्थान | ₹6,500 | ₹7,000 | ₹6,750 |
| इंदौर | मध्य प्रदेश | ₹6,200 | ₹6,850 | ₹6,500 |
एक किसान की कहानी: कैसे बढ़े दामों ने बदली किस्मत
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान राजेश यादव पिछले 6 सालों से सरसों की खेती कर रहे हैं। पिछले साल उन्होंने 20 क्विंटल सरसों मंडी में बेची थी, लेकिन दाम केवल ₹5,200 प्रति क्विंटल थे। इस साल उन्होंने वही फसल ₹6,800 प्रति क्विंटल में बेची, जिससे उन्हें ₹32,000 का अतिरिक्त मुनाफा हुआ।
राजेश बताते हैं, “इस बार तो सही में भगवान ने सुन ली। लागत तो बढ़ी है, लेकिन भाव भी अच्छे मिले हैं। सरकार को भी ऐसे भाव सुनिश्चित करने चाहिए।”
आम जनता पर क्या असर पड़ेगा?
जब भी किसानों को फसलों का अच्छा भाव मिलता है, उसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर भी पड़ता है, खासकर खाद्य पदार्थों के दाम पर।
- सरसों तेल के दाम बढ़ सकते हैं ₹10–₹15 प्रति लीटर तक
- मिलावट वाली कंपनियों की सक्रियता बढ़ सकती है
- गुणवत्ता वाले तेल की मांग अधिक होगी
- खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर हल्का असर
सरकार की भूमिका और नीतियाँ
सरसों के बढ़ते दामों को लेकर सरकार भी सजग है और किसान-हितैषी नीतियाँ अपनाने की बात कह रही है।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5,650 से बढ़ाकर ₹5,850 किया गया है
- सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है
- भंडारण की सुविधा बढ़ाने के प्रयास
- किसानों को ई-नाम पोर्टल के माध्यम से अधिक विकल्प मिल रहे हैं
भविष्य का रुख: क्या ये भाव स्थायी हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों के दामों में यह उछाल अस्थायी हो सकता है यदि:
- नए सीजन में फसल की आवक बढ़ती है
- अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतें स्थिर होती हैं
- सरकार बड़े स्तर पर आयात की अनुमति देती है
हालांकि, जब तक डिमांड अधिक और सप्लाई सीमित है, तब तक दामों में स्थिरता बने रहने की संभावना है।
किसानों के लिए राहत की खबर
सरसों के दामों में आई यह तेजी किसानों के लिए एक राहत की खबर है, जो लंबे समय से लागत और मुनाफे के बीच फंसे हुए थे। इस उछाल से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि मंडी व्यवस्था में भी पारदर्शिता आएगी। अगर सरकार और किसान मिलकर सही रणनीति अपनाएं तो भारत कृषि उत्पादों के मामले में आत्मनिर्भर बन सकता है।
सरसों के भाव से जुड़ी सामान्य जानकारियाँ
प्र.1: इस समय सरसों का भाव क्या चल रहा है?
उ.1: वर्तमान में सरसों का भाव ₹6,500 से ₹7,100 प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।
प्र.2: क्या सरसों के दाम आगे भी बढ़ सकते हैं?
उ.2: अगर डिमांड अधिक रही और आवक कम हुई तो दाम आगे भी बढ़ सकते हैं।
प्र.3: कौन-से राज्य सरसों उत्पादन में अग्रणी हैं?
उ.3: राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
प्र.4: सरकार सरसों के समर्थन मूल्य में क्या बदलाव कर रही है?
उ.4: सरकार ने सरसों का MSP इस साल ₹5,850 प्रति क्विंटल कर दिया है।
प्र.5: क्या इसका असर आम जनता पर पड़ेगा?
उ.5: हां, सरसों तेल के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे रसोई का बजट प्रभावित हो सकता है।

